जिंदगी खूबसूरत तभी लगती है जब परिवार मे सभी को एक दूसरे से प्यार हो









 हमारे समाज में परिवार बिखर से रहे हैं और पारिवारिक शांति कहीं खो सी गई है  इसका प्रमुख कारण परिवार के सदस्यों का आपसी व्यवहार है  यदि परिवार के सदस्य कुछ सामान्य सी बातों का ध्यान रखें तो अपने परिवार में सुकून शांति व प्रसन्नता की बहार ला सकते हैं और अपने परिवार का वातावरण स्वर्गीय बना सकते हैं  प्यार और सहयोग से भरा  पूरा परिवार ही इस धरती का स्वर्ग है अक्सर परिवारों में यह देखा जाता है कि परिवार के सदस्य घर परिवार के सदस्यों की अपेक्षा बाहर के लोगों से ज्यादा घुल - मिलकर बातें करते हैं  और घर परिवार के लोगों के प्रति उदासीन बने रहते हैं उनसे बहुत ही संक्षिप्त बात करते हैं  ऐसा होने पर उनमें आपसी विश्वास की भावना कमजोर होती है बहुत कम परिवार ऐसे देखे जाते हैं जिनमें घर के लोग एकदूसरे से अपने मन की बातकह सके आजघर परिवार में अपनाए जाने वाले शिष्टाचार बड़पन्न  लिहाज आदि का वास्तविक रूप इतना नष्ट होकर  इतना विकृत हो गया है कि घर के सदस्य ही अपनी मनोभावनाएं आवश्यकता और अनुभूतियां एक दूसरे के सम्मुख रखने में झिझकते हैं हिचकते है  और इसका परिणाम यह होता है कि आपस में ही एक दूसरों को ठीक तरह से समझ नहीं पाते  यदि परिवार के सदस्यों में आपस में मतभेद हो तो उस मतभेद को अवज्ञा अपमान या विरोध मान लिया जाता है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए  यदि किसी बात का निर्णय करना हो तो घर के सभी सलाह दे सकने योग्य स्त्री - पुरुषों से सलाह लेनी चाहिए अकेले ही कोई निर्णय नही लेना चाहिए  अपने भावों को प्रकट करने का अवसर घर के सभी सदस्यों की देना चाहिए  और जो भी कार्य करना हो  उसे घर वालों के समक्ष इस तरह से प्रस्तुत चाहिए ताकि उसके कहने की सहमति घर वालों से मिल सकें और हर व्यक्ति यह अनुभव करें कि अमुक कार्य उसकी सहमति से हुआ है  जिस प्रकार किसी राज्य में के संचालन में प्रजा की सहमति आवश्यक है  उसी प्रकार गृह - व्यवस्था के संचालन में घर के परिजनों की सहमति रहने से घर में शांति व सुव्यवस्था रहेगी 

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट