जैसा खाएंगे अन्न वैसा रहेगा मन
नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सभी उम्मीद है ठीक होंगे
दोस्तो आपने सुना तो होगा ही की इंसान जैसा खाता पीता सोचता है वैसा उसका मन भी हो जाता है और खुद भी तो आइए चलिए जानते है
भोजन के असर हमारे शरीर पर किस प्रकार होता है ।
भोजन पूर्ण रूप से सात्विक होना चाहिए।
राजसी और तामसी आहार शरीर और मन बुद्धि को रुग्ण तथा कमजोर करता है ।
सुखी रहने के लिए स्वस्थ रहना आवश्यक है।
शरीर स्वस्थ तो मन स्वस्थ ।
शरीर की तंदुरस्ती भोजन , व्यायाम आदि पर निर्भर करती है ।
भोजन कब और कैसे करना चाहिए इसका ध्यान रखे हमेशा
यदि भोजन करने का सही ढंग आ जाय तो भारत मे कुल प्रयोग होने वाले खाघान्न का पांचवा भाग बचाया जा सकता है ।
भोजन नियम में से , मौन रहकर और शांति से करना चाहिए।
कोशिश करे जो भी सादा भोजन मिले वही करे और भगवान का आशीर्वाद समझकर करे
हम सभी जब खाने बैठते है तो बाते भी करते रहते है भोजन के साथ
महापुराण में लिखा है की जो बाते करते हुए भोजन करते है वह पाप खाते है
कुछ लोग चलते चलते या खड़े हो कर जल्दबाजी में खाते है ये गलत है आप अपने शरीर से इतना काम लेते हैं तो उसे खाने के लिए पर्याप्त समय भी दे
यदी बीमारियों से बचना है तो अच्छे से खूब चबा चबा कर खाएं एक निवाले को 32 बार चबाए ।
एक बार में 15 ग्राम से अधिक न खाए
पीने की भी चीजे 25 ml se ज्यादा न पिए अगर आप घुट घुट कर पिएंगे तो 250 ml bhi 500 ml जितनी आपके शरीर में लगेगी
भोजन को अच्छे से खूब चबा चबा कर खाने से पेट में कब्ज नही होते दात मजबूत होती है भूख भी बढ़ता है
और पेट की कोई बीमारी भी जल्दी नही होती कभी
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