चाणक्य के दोहे हिंदी में
नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सभी उम्मीद है ठीक होंगे
चाणक्य कहते हैं
पुरुषो की अपेक्षा स्त्रियों का भोजन दुगुना, लज्जा चौगुनी , साहस छः गुनी और काम ( रति इच्छा ) आठ गुणा होता है ।
झूठ बोलना , उतावलापन दिखाना , छल कपट, मूर्खता , अत्यधिक लालच , अशुद्धता और दयाहीनता , ये सभी दोष स्त्रियों में स्वाभाविक रूप से मिलते है ।
भोजन करने की तथा उसे अच्छी तरह से पचाने की शक्ति हो तथा अच्छा भोजन समय पर प्राप्त होता हो , प्रेम करने के लिए अर्थात रति सुख प्रदान करने वाली उत्तम स्त्री के साथ संसर्ग हो , खूब सारा धन और उस धन को दान करने का उत्साह हो , ये सभी बाते किसी तपस्या के फल के समान हैं अर्थात कठिन साधना के बाद प्राप्त होती है ।
जिसका पुत्र आज्ञाकारी हो , स्त्री उसके अनुसार चलने वाली हो अर्थात पतिव्रता हो , जो अपने पास धन से संतुष्ट रहता हो, उसका स्वर्ग यही पर है ।
पुत्र वे ही है जो पिता भक्त है । पिता वही है जो बच्चों का पालन पोषण करता है । मित्र वही है , जिसमें पूर्ण विश्वास हो और स्त्री वही है , जिससे परिवार में सुख शांति प्राप्त हो ।
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