चाणक्य नीति हिंदी में

हेलो दोस्तो कैसे है आप सभी उम्मीद है ठीक होंगे






चाणक्य कहते है

जो अपने निश्चित कर्मो अथवा वस्तु का त्याग करके , अनिश्चित की चिंता करता है , उसका अनिश्चित लक्ष्य तो नष्ट होता ही है , निश्चित भी नष्ट हो जाता है।





बुद्धिहीन व्यक्ति को अच्छे कुल में जन्म लेने वाली कुरूप कन्या से भी विवाह कर लेना चाहिए , परन्तु अच्छे रूप वाली नीच कुल की कन्या से विवाह नही करना चाहिए , क्योंकि विवाह सम्बन्ध समान कुल में ही श्रेष्ठ होता है ।





लंबे नाखून वाले हिंसक पशुओं , नदियों , बड़े बड़े सिंग वाले पशुओं , शस्त्रधारियो , स्त्रियों , और राजपरिवार का कभी विश्वास नही करना चाहिए।





विष से अमृत  ( कड़वी दवा से इलाज ) , अशुद्ध स्थान से सोना , नीच कुल वाले से विद्या और दुष्ट स्वभाव वाले कुल की गुणी स्त्री को ग्रहण करना अनुचित नही है।

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